समर की मांग निकलने पर ही गारमेण्ट और कपड़ों में ग्राहकी जोर पकड़ेगी 

मुंबई/ गारमेंट में कारोबार कम हो गया है। सीजनल मांग नहीं है। गारमेंट के बड़े ब्रांड तथा बड़े रिटेल शोरूमों में समर कलेक्शन की व्यापक तैयारी है, लेकिन न तो गारमेंट कपड़ों की और न ही तैयार परिधानों की मांग बढ़ी है, उल्टे गारमेंट में ग्राहकी का रुख बदला है। रोजमर्रा के आइटमों में ही कारोबार ठीक से हो रहा है, जबकि गरमी की सीजन शुरू हो गई और सूती पतले कपड़ों से बने परिधानों की बाजार में कोई मांग नहीं है। छोटे एवं बड़े रिटेल स्टोरों में सन्नाटा पसरा हुआ है। वैवाहिक सीजन की ग्राहकी नहीं है, कोरोना बढऩे का भय बना हुआ है, रमजान की ग्राहकी फिसड्डी रही है। उम्मीद स्कूल यूनिफॉर्म में कारोबार की है, जिसमें ग्राहकी का एक अच्छा दौर शुरू होने वाला है।  ब्राण्डेड गारमेंट में सेल मई-जून से शुरू होने की संभावना है। ऐसे सेल में 40 से 50 प्रतिशत तक डिस्काउंट दिया जाता है, जिसके कारण अधिक से अधिक ग्राहक डिस्काउंट सेल की प्रतीक्षा करते हैं। गारमेंट काउंटरों में ग्राहक खरीदी करने नहीं आ रहे हैं। गारमेंट का रिटेल कारोबार घटने का यह प्रमुख कारण माना जा रहा है। लोगों का रुझान ऑनलाइन खरीदी पर अधिक हो गया है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर गारमेंट की बिक्री अधिक होने लगी है। यहां कुछ न कुछ छूट मिलती ही रहती है। इससे रिटेल दुकानों में ग्राहकी कम होती जा रही है। 4 मई के बाद वैवाहिक सीजन की शुरूआत हो जाएगी साथ ही समर की मांग निकलेगी, तब गारमेंट और कपड़ों में ग्राहकी जोर पकड़ सकती है। भारत से गारमेंट का निर्यात करीब 16 अरब डॉलर पर टिका है। जबकि श्रम लागत बढऩे से चीन के हाथों से गारमेंट एक्सपोर्ट बाजार निकलने लगा। इसका सबसे अधिक फायदा बांग्लादेश ने उठाया और निर्यात दोगुना कर 42 अरब डॉलर कर दिया। आज बांग्लादेश में दुनिया के बड़े फैशन ब्रांडों को सर्विस देने वाले चार हजार से अधिक कारखानें है। इन कारखानों में कई लाख लोग कार्यरत हैं, जिनमें 90 फीसदी महिलाएं हैं। संभावना है कि आगे आने वाले समय में गारमेंट एक्सपोर्ट बाजार में चीन की हिस्सेदारी तेजी से कम होगी, ऐसे में भारत को 500 अरब डॉलर के वैश्विक आरएमजी व्यापार में से कम से कम 100 अरब डॉलर निर्यात करने का लक्ष्य रखकर आगे बढऩे की जरूरत है।बंद पड़ी मिलों के नाम पर कपड़ों में कारोबार करने के मामले पहले अधिक हुआ करते थे, जिस पर अब काफी हद तक विराम लग चुका है, लेकिन नकली परिधान बनाने वाली अवैध कंपनी पर मुंबई पुलिस ने छापे मारे, जहां एक नामचीन टेक्सटाइल कंपनी का लोगो का इस्तेमाल कर नकली परिधान बनाने वाली एक कंपनी के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सूत्रों के अनुसार पुलिस को यहां पिछले कुछ समय से नामचीन ब्रैंडेड कंपनियों के परिधान बनाने की सूचना मिली और अधिकारियों ने इस जालसाजी का पर्दाफाश करने के लिए जाल बिछाया और उक्त कपंनी के गोदामों पर छापामार कर लाखों रू के नकली परिधान जब्त किए। मौके पर प्रिंटर सहित अन्य सामान भी मिला है।


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